यीशु है हमदर्द हमारा, जाके उस को खबर दो,
‘उम्दा = बढ़िया, प्रशंसनीय, उत्तम, श्रेष्ठ, सुन्दर, मनोरम, विश्वासपात्र, अच्छा
जो दोस्त हैं वो माँगते हैं सुल्ह की दुआ
इम्दाद इमाम असर टैग : दुश्मन शेयर कीजिए
दोस्ती ख़्वाब है और ख़्वाब की ता'बीर भी है
यह ही बाइस है यकीनन, बाप के पास न जाते हैं
ख़्वाजा मीर दर्द टैग : दुशमनी शेयर कीजिए
बाक़र मेहदी टैग : दुश्मन शेयर कीजिए
साक़ी फ़ारुक़ी टैग : दुश्मन शेयर कीजिए
ग़मगीन देहलवी टैग : दुशमनी शेयर कीजिए
ये मुतालबा है हक़ का कोई इल्तिजा नहीं है
सदा अम्बालवी टैग : दोस्त शेयर कीजिए
जौन एलिया टैग : व्हाट्सऐप शेयर कीजिए
लगाव एक अज़ीम रिश्ते की बुनियाद होता है जिसे दोस्ती कहते हैं। दोस्त का वक़्त पर काम आना, उसे अपना राज़दार बनाना और उसकी अच्छाइयों में भरोसा रखना वह ख़ूबियाँ हैं जिन्हें शायरों ने खुले मन से सराहा और अपनी शायरी का मौज़ू बनाया है। लेकिन कभी-कभी उसकी दग़ाबाज़ियाँ और दिल तोड़ने वाली हरकतें भी शायरी का विषय बनी है। दोस्ती शायरी के ये नमूने तो ऐसी ही कहानी सुनाते हैः
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दोस्त दो-चार निकलते हैं कहीं लाखों में